शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018

किस से करें..?

इश्क़ की गुहार, किस से करें
कहो तो प्यार, किस से करें..?

वो किस्से कहानियों में बीती रातें
मान लिया खुद को किसी का प्यार
अब ये इज़हार
किस से करें..?

मैं हर वक़्त तेरी दहलीज़ पे
बैठा ये सोचता हूँ
के अब दीदार की दरकार
किस से करें..?

वो सूनी सीढ़ियों पर
सूखते दरख़्तों की कंपन
हवाओं में बिखरा है प्यार
किस से करें..?

इश्क़ मुकम्मल नहीं
ज़िन्दगी बेवफ़ा नहीं
जो तू रूठ गया अब की बार
तो बोल न माही!
ये इज़हार - ओ - इक़रार
किस से करें..?

महेश "माही"
15/2/18

13 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. धन्यवाद टीम बुक बज़ुका

      फिलहाल तो बुक पब्लिश के लिए सोचा नहीं है.. आभार आपका।

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  2. आभार ध्रुव जी आपका, जो आपने अपने ब्लॉग में मेरी रचना को स्थान दिया 😊

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  3. वाह ! लाजवाब !! बहुत खूब आदरणीय ।

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