ज़िन्दगी भी अजीब है
जो बीत गया
उसे याद करती है,
आने वाले कल की
फरियाद करती है,
जो आज है
उसे ठुकरा देती है,
और कल फिर
उसके लिए ही मोहताज करती है।
सच में
ये ज़िन्दगी बड़ी अजीब है
मुझे धूल से उठाती है
किसी के आँखों का सरताज करती है
फिर मिला के उसी धूल में
ये ज़िन्दगी
मुझ पर ही राज करती है।
#माही
3/1/17
10:09pm
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "न्यूनतम निवेश पर मजबूत और सुनिश्चित लाभ - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंयही ज़िंदगीके रूप हैं ... कभी धूप तो कभी छांव
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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