कभी कभी लगता है,
तुमको,
बस तुमको सुनता रहूँ...
कभी कभी लगता है,
तुमसे दिल की सारी बात कह दूँ...
कभी कभी लगता है,
तुझसे दूर हो जाऊं...
कभी कभी लगता है,
तू जो कहे तो तेरे संग मैं चल दूँ...
ये कैसा असर है तेरा माही !
के कभी कभी लगता है,
तुझे चाहूँ ज़िन्दगी से ज्यादा...
तो कभी कभी लगता है के तेरे संग मर जाऊं,
और तोड़ दूँ दुनिया से किया अपना हर एक वादा...
कभी कभी लगता है,
बन के इक साया सा तुझमें समा जाऊं...
तेरे स्वप्निल से बदन को छू के तुझमें
अपना एक एहसास जगाऊं...
कभी कभी लगता है,
के सुर्ख़ गुलाबों ने तेरे लबों से ही
ये लाली पायी है...
कभी कभी लगता है,
के तेरी जुल्फों की छाँव से ही फलक पे
घटाएं काली छाई हैं...
कभी कभी लगता है,
के तेरे बदन की खुशबु से ही महक उठा है मेरा ये सारा आलम...
और कभी लगता है के तेरे नैनों की भूलभुलैया में आज खो गया है दिल मेरा
और खो गए हैं कहीं हम...
कभी कभी लगता है,
के तू बस इक ख्वाब है,
और तेरी चाहत में हर रात जलता मैं,
जी रहा हूँ इक नयी सी ज़िन्दगी...
और कभी कभी लगता है,
के तेरे ख्वाब से ही मिली है मुझे
खुदा की नयी बंदगी...
आज तुझे पा पाना भी मुझे...
कभी कभी की ही हक़ीकत लगती है "माही"!
के कभी कभी लगता है,
तेरे मेरे दरमियां कुछ तो है
पर शायद कुछ है ही नहीं...
पर सिर्फ... "कभी कभी"
- महेश बारमाटे "माही"
18 जनवरी 2012
कभी कभी लगता है,
जवाब देंहटाएंतुमको,
बस तुमको सुनता रहूँ...
कभी कभी लगता है,
तुमसे दिल की सारी बात कह दूँ...
bahut khubsurat prastuti,,
behtreen rachna
बेहद सुन्दर कविता --मन को छूने वाली अनुभूति --!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एहसास ..
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है ..
kya baat ahi is anokhe prem bhare andaaz ki
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत कविता
जवाब देंहटाएंप्रेम भरी कविता
जवाब देंहटाएंati sundar..........
जवाब देंहटाएंhappy birthday mahesh.....
कहिये भी और सुनिये भी........
जवाब देंहटाएंयही तो मोहब्बत है....
अनु
बहुत ही सुन्दर प्रेमपूर्ण रचना....
जवाब देंहटाएंआपके समक्ष एक गुजारिश ले कर आया हूँ,
जवाब देंहटाएंडॉ अनवर जमाल अपने ब्लॉग पर महिला ब्लोग्गरों के चित्र लगा रखे कुछ ऐसे-वैसे शब्दों के साथ. LIKE कॉलम में. उससे कई बार रेकुएस्ट कर ली पर उसके कान में जूं नहीं रेंग रही. आप विद्वान ब्लोगर है, मैं आपसे ये प्राथना कर रहा हूँ
कि उसके यहाँ कमेंट्स न करें,
न अपने ब्लॉग पर उसे कमेंट्स करेने दें.
न ही उसके किसी ब्लॉग की चर्चा अपने मंच पर करें,
न ही उसको अनुमति दें कि वो आपकी पोस्ट का लिंक अपने ब्लॉग पर लगाये,
उनको समझा कर देख लिया. उसका ब्लॉग्गिंग से बायकाट होना चाहिए. मेरे ख्याल से हम लोगों के पास और कोई रास्ता नहीं है.