नज़र
पर मेरा वो अंदाजे - बयाँ, उन को मेरा रोना नज़र आया...
गर कभी तन्हाइयों में खोया, मैं उनकी याद में,
तो दुनिया को वो मेरा बेवजह सोना नज़र आया...
जिस पे कर दिया दिलो - जाँ निसार,
उसको तो दिल मेरा खिलौना नज़र आया...
वो रूठा मुझसे हर बार और मैं मनाता चला गया ...
क्योंकि मेरा सनम हर बार बहुत शोना नज़र आया...
उसे पा के मैंने जो उसके गमो को अपनाया,
तो लोगों को वो मेरा चैनो - सुकून खोना नज़र आया...
जिसे देखा था मैंने बस एक बार और कर बैठा मैं उससे प्यार,
आज जब ढूँढा उसे इश्क के गुलिस्ताँ में, तो हर कली में मुझे मेरा माही - मेरा शोना नज़र आया...
डर गया मैं छूने से उसको, के कहीं उस नाजुक कली को कोई चोट ना लग जाए,
और दुनिया को वो उसका मुझे काँटा चुभोना नज़र आया...
छूट गया वो जाने कैसे मेरे हाथों से,
फिर भी मैंने जो संभाला उसे तो उन्हें ये मेरा जान बूझ कर उन्हें खोना नज़र आया...
वो क्या जाने के हमने उनको खो के जाने क्या पाया है,
उनकी यादों को सीने में रख के अपना ये दिल मैंने गंवाया है...
धड़क रही हैं आज भी यादें उनकी, सीने में मेरे धड़कन की तरह,
और सबको ये मेरा कब्र में भी कराहता हुआ होना नज़र आया...
आज दुनिया वाले उन्हें मेरे सामने "बेवफा", कह के बुलाते हैं,
रोज मेरी कब्र पर आके मुझे मौत की नींद सुलाते हैं...
ये तो मेरा दिल ही जानता है के क्या मज़बूरी थी मेरे यार की,
पर शायद मेरी बेवफाई से जो निकले थे उसके आँसू, वो इस खुदगर्ज़ जहाँ को बस एक खिलौना नज़र आया
बेवफा तो मैं था जो उनसे प्यार कर बैठा,
कुसूर बस इतना था के इस दिल पे ऐतबार कर बैठा...
आज कह के उन्हें बेवफा, क्यूँ अपनी मोहब्बत को बदनाम करूँ,
मुझे इस दुनिया की क्या परवाह,
जिसे उन्हें खो के भी अपनी यादों में बसा लेना बस मेरा खोना नज़र आया...
आज आँखें बंद होकर भी मुझे तो, वो ही मेरा माही...
और वो ही मेरा शोना नज़र आया....
महेश बारमाटे
13 July 2010
awesome!
जवाब देंहटाएंbahut hi khubsurat andaaz hai ekdam mere Shona jaisa!
:)