इंतज़ार...
कभी - कभी कितना सुखद होता है
और कभी क्यों ये होता है दुःखद ...?
गर इश्क़ हो किसी से,
तो ये कीचड़ में खिलते कंवल सा होता है...
और कभी ये होता है केवल एक गहरा दलदल
गर हो ये कोई बस एक ज़रूरत...
कभी किसी के इंतज़ार में
हम बिता देते हैं कई सदियाँ
तो कभी कटता ही नहीं
एक और पल...