सोमवार, 10 मई 2010

Papa...


PaPa...


तुमसे मैंने न चाहा था, कुछ पाना,
पर तुम बहुत कुछ दे गए...

तुमको न चाहा था, मैंने कभी खोना,
पर न जाने तुम कहाँ खो गए ?

आज ढूंढता हूँ, मैं तुम्हे यहाँ - वहाँ,
पर न जाने छुप गए हो तुम कहाँ ?

एक बार तो बता देते तुम,
तो मैं तुम्हे न जाने देता कभी...
मेरे दिल कि बात, दिल में ही रह गयी,
के "प्यार तुमसे, मैं भी करता हूँ....
ये जाना था मैंने, बस अभी - अभी..."

By
Mahesh Barmate
28th Apr 2007
12:15 am


(This Poem is Dedicated to My Father Late Mr. C. D. Barmate)