सोमवार, 23 जनवरी 2012
क्या लिखूँ ?
क्या लिखूँ ?
ज़िंदगी को लिखूँ दुःख की परिभाषा,
या कोई सुनहरा ख्वाब लिखूँ ?
हर पल रुलाता और सताता
ग़मों का पहाड़ लिखूँ...?
या हर पल मिलती
खुशियों का संसार लिखूँ ?
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