हर पल तेरा चेहरा
मेरे जेहन के समंदर में उतराता रहता है..
और तेरा ख्याल
जैसे हो कोई चाँद
डूब के मुझमें
गोते खाता रहता है..
तुम लाख चाहो के मुझे भुला दो
पर ये जो इश्क़ है न मेरा
तेरे दिल की बगिया में गुल
खिलाता रहता है।
यकीन न हो
तो तुम ही बता दो
क्यों तुम्हे भी हर हमेशा
मेरा ही ख्याल
आता रहता है..?
कहो..?
क्यों तुम्हें हमेशा...
- महेश बारमाटे "माही"
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, १७ मार्च - भारत के दो नायाब नगीनों की जयंती का दिन“ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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