ऐ वीर ! तू आज कुछ कर गुजर जा,
आज तुझे है किस बात का इंतजार ?
किसी की खातिर न सही,
देश के लिए तो आज तू मर जा...
ज़िन्दगी में कुछ न किया, न सही...,
पर आज तू देश के लिए कुछ कर गुजर जा...
सोच के तेरा महबूब
देश की इस माटी में है बसा...
और उसके लिए जंग लड़ना
तेरे लिए है इक खुबसूरत सजा...
बस उस महबूब की आन की ख़ातिर,
और देश की शान की ख़ातिर,
देश के दुश्मनों से आज तू लड़ जा,
ऐ वीर ! देश के लिए आज तू कुछ कर जा...
इसके ही आशीर्वाद से, अपने पैरों पर तू है खड़ा हुआ...
इसकी ही गोद में है तू ने हर ख़ुशी पायी,
पर आज देश के दुश्मनों को नहीं है इसकी खुशहाली भायी...
दुश्मन को देने को मुँह तोड़ जवाब,
आज तू मैदान-ए-जंग में उतर जा...
ऐ वीर जवान !
आज भारत माँ का क़र्ज़ चुकता कर जा...
आज इस देश को तू,
हर एक ख़ुशी दे दे...
हो सके तो इसकी ख़ातिर मर के तू,
इसे एक नयी जिंदगी दे दे...
देश की इस जंग में तू, अपनी हर एक हद से गुजर जा,
खुशहाल भारत का सपना,
आज हर एक भारतीय की निगाह में सच कर जा...
के बदनसीब है वह इन्सां,
जिसके दिल में वतन के लिए मुहब्बत नहीं...
कोशिशें तो सभी करते हैं,
पर वतन के लिए मर मिटना हर किसी की किस्मत नहीं...
मिला है मौका तुझे, तो भारत माता का सपना पूरा कर जा...
ऐ वीर दोस्त मेरे! आज तू भारत माता के लिए, दुश्मन का सिर कलम कर जा...
महेश बारमाटे "माही"
1 सितम्बर 2010
Desh ki bat hai mar mitenge iski Aan pe.
जवाब देंहटाएं#$# हिंदी क्या भारत की राष्ट्र भाषा है?
http://drayazahmad.blogspot.com/2011/08/blog-post_10.html
वीर रस से ओतप्रोत रचना।
जवाब देंहटाएं------
बारात उड़ गई!
ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
sarthal rachna ke liye bahut bahut badhai.........aaj samaj ko jarurat hai aap jaise logo ki jo samaj me jagrukta faila sake .......
जवाब देंहटाएंaapki is sarthal rachna ke liye aapka aabhar
जय हिंदी .....
जवाब देंहटाएंलिखना जितना आसान है ....करके दिखाना उतना ही मुश्किल .....
सिर्फ एक ही प्रश्न .......क्या ऐसी देश भक्ति का ज़ज्बा आप में है आज के वक़्त ?.....आभार
behtreen prstuti...
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar pastuthi
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