गुरुवार, 23 सितंबर 2010

लौट आओ पापा


जितना चाहा, उससे भी कहीं ज्यादा दे गए तुम मुझको...
पर इक पल में ही क्यों तन्हा, छोड़ गए तुम मुझको...

खो गई है आज मेरी हंसी, के बस आपके बगैर...
के जैसे खो गई हो मेरी ज़िन्दगी, के बस आपके बगैर...

अब तो बस कुछ यादें साथ हैं... 
कभी जो दी थी नसीहत में आपने मुझे, बस वो बातें याद हैं...
तेरी गोद में गुजरी जो, सर्दी की वो गर्म रातें याद हैं...
मेरे जन्मदिन पर जो तुमने दी मुझको, वो सौगातें याद हैं...

कैसे भूलूँ मैं तुम्हे ? 
के जन्म मिला है है तुमसे मुझे...
ज़िन्दगी से क्या शिकवा करूँ अब,
के बस एक गिला है तुमसे मुझे...

के यूँ ही छोड़ गए तुम तब मुझको,
जब मुझे बहुत तुम्हारी ज़रूरत थी...
पर कैसे करूँ गुस्सा भी मैं तुम पर,
 के शायद खुदा को तुमसे, मुझसे भी ज्यादा मोहब्बत थी...


लौट आओ "पापा"...
के ये दिल तुम्हे आज दिल से पुकार रहा है...
और देखो ना माँ के आँसू,
के हर एक कतरा इसका, आपका ही नाम पुकार रहा है...

हर पल याद करता है ये दिल तुमको...
के हमें आज भी आपका ही इंतज़ार है...
ऐ खुदा ! क्या तुम कहोगे ? "मेरे पापा" से मेरे लिए...
के मुझे उनसे आज भी बहुत प्यार है...

वो उनकी डांट और फटकार ...
याद आता है मुझे उनका बस मेरे लिए प्यार...

वो उनके संग - संग हर शाम को घूमने जाना,
और हमेशा ज़िद करके उनसे, खिलौने लेना या आइसक्रीम खाना...

वो मेरा हर परीक्षा में अव्वल आना,
और उनका ऑफिस में ख़ुशी से मिठाइयाँ बँटवाना...

याद आता है मुझे,
उनका हर रात मुझे एक नई कहानी सुनाना...

आज भी ऐसा लगता है "पापा",
के तुम ऑफिस से अभी तक आए नहीं...
और जो वादा किया था ज़ल्दी आने का तुमने मुझसे,
वो भी अभी तक निभाए नहीं...



बस एक बार आ जाओ "पापा", के अब कि बार न जाने दूँगा...
और रुक जाओ हमेशा के लिए मेरे पास,
के तुमको मैं न जाने के सौ नए बहाने दूँगा...

बस एक बार तो आ जाओ "पापा", के यहाँ सबको तुम्हारा इंतज़ार है...
कैसे करूँ मैं लफ़्जों में बयाँ, के इस दिल में तुम्हारे लिए कितना प्यार है...


By 
Mahesh  Barmate
23rd Sept. 2010
2:36 am

7 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हारी कविता ने मुझे रुला दिया बेटे ....बहुत बहुत आशीर्वाद और शुभकामनाएँ !! ऐसे ही लिखते रहो....

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  2. मर्मस्पर्शी रचना, क्या बात है

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  3. धन्यवाद कुसुम और सुनील जी... बस आप लोगों के आशीर्वाद की ज़रूरत है मुझे... जिसकी बदौलत मैं साहित्य के आसमान तक पहुचना चाहता हूँ ... बस इसी तरह मुझे प्रोत्साहित करते रहें...

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  4. ur words r incredible maahi..... dis will definetly reach 2 heaven near ur dad's soul... nd he will shower his blessing on u.... may god bless u... gudluck..

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  5. woww heart tochng lnes....touchd 2 my heart....filled wid tears in eyes...i hope u get sucess in every step of ur lfe....

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  6. very nice mahi.sach hai jiske pair na phati biwai wo na jane peer parai par aapki kavita ka dard dil ko chu gaya

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  7. धन्यवाद अनु, कनु और सृजना जी !

    यादें हमेशा दिल को छु ही लेती हैं...

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