जहां लोगों की रातें रंगीन करने वाला हर शख्श कमल होता है.
ये वो दलदल है, जहाँ न कोई न कोई गुलाब होता है.
पर एक बार के लिए ही सही हर आदमी के मन में ऐसे ही किसी कमल का ख्वाब होता है.
सारा जहान इसे एक गन्दा दलदल कहता है,
फिर भी इस दलदल के इन फूलों को अपनी आँखों का काज़ल कौन कहता है?
इस गंदे दलदल से इन सुन्दर कमलों को,
तो हर कोई बहार निकलना चाहता है...
पर कौन है ऐसा, जो इन कमलों को,
साफ़ सुथरी जगह देना चाहता है?
गर ये बाहर आ भी जाएँ, इस घिनौने दलदल से,
तब भी यहाँ हर कोई उन्हें, सिर्फ सजावटी फूल ही मानता है.
ये वो फूल नहीं जिन्हें, भगवान के चरणों में अर्पण किया जाए,
बल्कि इस FAST ज़माने में तो हर कोई इन्हें, बस USE - N - THROW मानता है.
ऐ दुनिया वालों! अपने दिल में झाँक कर देखो जरा...,
फिर मुझसे कहना के तुम्हारे दिल में है कितना गन्दा दलदल भरा?
जो कहा मैंने, वो बात सच है,
ये तुम्हारा और मेरा दिल जानता है.
आज "महेश" तुमसे सिर्फ इतनी ही भीख मांगता है.
के देनी हो इन कमलों को अगर कोई सुन्दर जगह,
तो निकाल फेंको उस नफरत के बीज को अपने दिलों से,
जो उनके लिए तुमने अपने दिलों में बोया है, बेवजह.
By
Mahesh Barmate
6th Sep. 2009
Mahesh Barmate
6th Sep. 2009
yah bhi acchhi lagi...
जवाब देंहटाएंcontaining a msg, a nice msg to everyone.
nice job dude
जवाब देंहटाएं