कभी लगता है बस एक आवाज है वो...
और कभी लगता है
के एक अजनबी एहसास है वो...
रोज ख्वाबों मे ही होती है बस उससे मुलाकात
और चुप चुप के होती है हर रात उससे फोन पे बात...
कभी वो हँसती है
कभी रोती
तो कभी मुझसे जी भर के लड़ लेती है वो...
पर हर रात
वो मुझसे
एक नए रूप में मिलती है
गर करो उससे किसी और की बात
तो वो जाने क्यूँ बहुत चिढ़ती है...
उससे बात करना
उसकी बातों को दिल से लगाना
पसंद है उसे
प्यार में कुछ नया
हाँ कुछ नया कर जाना...
मेरी हर गलती को वो
दिल से लगा लेती है
दूर होना नहीं चाहती
पर है वो
मुझसे बहुत लड़ती...
अगर मैं मनाऊँ उसे
तो भी बुरा हो जाता हूँ
और न मनाऊँ
तो... ?
वो सोचती है
के मुझे फर्क नहीं पड़ता
जब वो मुझे प्यार नहीं करती
पर
मैं कैसे बताऊँ उसे
के उस दिन मेरा दिल नहीं धड़कता
जब वो मेरा एतबार नहीं करती...
जाने क्या है वो
के उसके बिना कुछ भी
नहीं भाता मुझे...
उसके बिना कैसे जी रहा हूँ
ये तो बस खुदा को पता है
फिर भी वो कहती है मुझे
के प्यार जताना नहीं आता मुझे...
वो मेरा समय
मेरा आज
कल
और सारा जहां है...
वो दिल में है हर दम
फिर भी दिल कहता है
के जाने वो कहाँ है ?
वो मेरे ख्वाब में,
मेरी सोच में,
मेरी हाँ
मेरी ना में,
मुझसे दूर,
फिर भी मेरे पास है...
किसी के लिए वो बस एक आवाज है,
पर वो तो मेरा पहला
और अंतिम एहसास है...
वो... मेरा...
एक अंतहीन एहसास है...
महेश बारमाटे "माही"
21 फरवरी 2012
00:50 pm
एक अहसास ही सही..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!!
आपका बहुत बहुत शुक्रिया समीर जी...
हटाएंजो आपको मेरी रचना पसंद आई... :)
bahut khoobsurat prastuti ......waah ,
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया अमरेन्द्र जी... :)
हटाएंवाह ...बहुत ही बढि़या
जवाब देंहटाएंकल 22/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है !
'' तेरी गाथा तेरा नाम ''
सदा जी, आपको मेरी रचना पसंद आई... और आपने इसे "नयी पुरानी हलचल" के लिए चुना...
हटाएंमुझे बहुत खुशी हो रही है...
आपका तहे-दिल से शुक्रिया जो आपने मेरी रचनाओं को हमेशा अपनी "नयी पुरानी हलचल" के लिए चुना... ये शायद तीसरी या चौथी रचना होगी मेरी जिसे आपने चुना है, ये मेरा सौभाग्य है...
:)
अहसासों की एक सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया आहुति जी...
हटाएंएहसास ही तो सबसे ज्यादा मायने रखता है वेरना प्यार में भी क्या रखा है ...उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने...
हटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरे ब्लॉग पे आने और मेरी रचना को पसंद करने के लिए...
:)
bahut ahsaas bhara likha hai ahsaas hi to hai jo jinda rahne ki wajaha hai kahin na kahin
जवाब देंहटाएंachcha laga padh ke
जी सखी जी, बिलकुल सही कहा आपने... आपने मेरे एहसास को महसूस किया...
हटाएंबहुत खुशी हुई...
शुक्रिया... :))
उम्दा एहसास..
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया अमृता जी :)
हटाएंसुन्दर एहसास...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई..
आपका बहुत बहुत शुक्रिया संजय जी :)
हटाएंआपके एहसासों की अभिव्यक्ति बड़ी लुभावनी लगी..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा आपका लेखन..
शुभकामनाएँ..
आपका बहुत बहुत शुक्रिया विद्या जी :)
हटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया यशवंत जी :)
जवाब देंहटाएंनित नए अहसासों को जीना ही तो प्यार है ! सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंजी आपने बिलकुल सही कहा...
हटाएंआभार :)
बहुत ही सुन्दर और जज्बातों से पूर्ण भाव अभिव्यक्ति है
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर... कुछ अलग सी रचना...
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