तेरी ख़ुशी के लिए...
जब तुम मेरे करीब आए...
तब अपनी हंसी मैंने दे दी तुझे, सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
तू ने चाहा, तो अपनी हर ख़ुशी दे दी तुझे, सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
तू ने जो माँगी एक नज़र,
तो ये आँखें ही कर दी तुझ पे न्योछावर, सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
जब तू मेरी जाँ बन गई,
तो सारी जिंदगी दे दी तुझे, सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
दिन का चैन और रातों का करार,
सब कर दिया मैंने, तेरी ही खुशियों पे निसार...
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
जो कुछ चाहा तुमने, हर वो ख़ुशी ला के दी मैंने,
तू ने कहा था के मुझसे तू आएगी एक बार फिर मिलने...
और कर के मैंने तुझ पर ऐतबार, किया बरसों बस तेरा इंतजार...
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
एक दिन जब तू ने चाही मुझसे दूरियाँ...
वो भी दे दी मैंने तुझे, बस तेरी ख़ुशी के लिए...
और तू ने कहा जो के "न याद रखना कभी हमें"
तब वो भी माना मैंने... बस तेरी ख़ुशी के लिए...
अब जब तू नहीं थी मेरे पास,
तब भी लिखता रहा मैं... सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
तुझसे दूर होकर भी,
तुझसे ही प्यार करता रहा मैं... सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
तू ने माँगी जब मुझसे मेरी नफ़रत,
वो भी दे दी मैंने तुझे, भूल के अपनी सारी मुहब्बत...
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
पर आज देखो, ये वक़्त भी क्या नसीब लाया है...
आज एक बार फिर मैंने तुझे, अपने करीब पाया है...
और छुपा रहा हूँ आज, तुझसे अपनी आँखें नम...
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
चाहता हूँ के भूल जाएँ अब, हम अपने सारे रंजो-गम,
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
पर आज भी न समझ पाया मैं तुझे,
के आज पास आकर भी, क्यों चाहिए फिर दूरी तुझे ?
क्या आज भी न मिलेगी, कोई प्यारी ख़ुशी मुझे,
जो ये दिल फिर से नहीं कर पा रहा है नाउम्मीद तुझे ?
अब जो भी हो, ये तो है, बस तेरी ख़ुशी के लिए...
न जाने क्यों तेरे दिल में अब भी एक कसक बाकि है,
के मैंने जो कुछ भी किया, वो अब भी तेरे लिए नाकाफ़ी है ?
और माँग रही है तू एक और ख़ुशी मुझसे,
शायद इस बार मेरी ख़ुशी के लिए...
और वो भी न जाने क्यों दे रहा हूँ मैं तुझे,
सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए...
माना के ये दिल, आज भी तेरे प्यार के नाकाबिल है,
पर आज भी मेरी हर ख़ुशी तेरी ही खुशियों में शामिल है...
इसीलिए आज फिर वही कर रहा हूँ मैं, जो माँगा है तू ने मुझसे...
क्या हुआ जो आज हम साथ नहीं, मैंने तो हर पल प्यार किया है तुझसे...
और आज जा रहा हूँ छोड़ कर ये जहाँ,
बस तेरी एक तेरी ख़ुशी के लिए...
महेश बारमाटे
12th July 2010
12:15 pm